/ "ईश्वर के साथ हमारा संबंध: सरल ज्ञान और अनुभव: नवंबर 2023

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शनिवार, 18 नवंबर 2023

प्रार्थना कैसे स्वीकार होती है।

                        प्रार्थना कैसे स्वीकार होती है।



प्रार्थना, एक आत्मिक संबंध जो परमात्मा या उच्चतम शक्ति से होता है, को स्वीकार करना मानव जीवन में महत्वपूर्ण है। प्रार्थना में व्यक्ति अपने मन, शरीर, और आत्मा को दिव्यता की ओर मोड़ता है। इसके माध्यम से, वह अपनी इच्छाओं, आशाओं, और आत्मविश्वास को व्यक्त करता है और उच्चतम से आशीर्वाद मांगता है।


प्रार्थना स्वीकार करना एक आत्मिक विकास का साधन होता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन को एक उच्च स्तर पर ले जाने के लिए संजीवनी शक्ति प्राप्त करता है। यह एक आत्मा की अंतर्दृष्टि को बढ़ाता है और उसे जीवन के चुनौतीपूर्ण पहलुओं का सामना करने के लिए शक्तिशाली बनाता है। सार्वजनिक या व्यक्तिगत स्तर पर, प्रार्थना एक सकारात्मक शक्ति है जो समृद्धि, शांति, और समर्पण की भावना को संतुष्ट करने में सहारा करती है।

प्रार्थना का मतलब है भगवान या ऊँची शक्ति से बातचीत करना। इसमें हम अपनी चिंताओं, इच्छाओं और आभासों को उनसे साझा करते हैं। यह हमें आत्मिक शांति और संबल प्रदान करता है।


प्रार्थना करने से हम अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं और अधिक समझदार बन सकते हैं। यह हमें सहारा देता है जब हम किसी मुश्किल स्थिति में होते हैं।


प्रार्थना से हम आत्मा को शक्ति महसूस करते हैं और जीवन को एक नए दृष्टिकोण से देख सकते हैं। यह हमें समझाता है कि हम अकेले नहीं हैं और किसी अद्भुत शक्ति के साथ जुड़े हुए हैं।

शुक्रवार, 17 नवंबर 2023

अकेलेपन को कैसे दूर करें

                      अकेलेपन को कैसे दूर करें


अकेलेपन को दूर करने के लिए, आपको सकारात्मक क्रियाएं अपनानी चाहिए। शुरुआत में, आत्म-समीक्षा करें और अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से देखें। साथ ही, नए लोगों से मिलें और सामाजिक गतिविधियों में भाग लें। अपनी रूचियों को पुनर्जीवित करें और नए कौशल सीखें। मेडिटेशन और योग का अभ्यास भी आत्म-समर्थन में मदद कर सकता है। समय के साथ, आप नए दृष्टिकोण बना सकते हैं और अपने आत्मविश्वास को मजबूत कर सकते हैं।


सकारात्मक क्रियाएं आपको आत्म-समर्थन में मदद कर सकती हैं। कुछ सकारात्मक क्रियाएं शामिल हैं:


1. ध्यान और मेडिटेशन:यह मानसिक शांति और सकारात्मकता को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

2. नए लोगों से मिलना:समाज में बढ़ावा देने के लिए नए दोस्त बनाना और सोशल ग्रुप्स में शामिल होना।

3. रेगुलर एक्सर्साइज: यह ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा देने में मदद कर सकता है।

4. कला और रुचियां: अपनी रुचियों और कला में लिपटना, सकारात्मकता को बढ़ावा देने में सहारा कर सकता है।

5. स्वयं से उत्तराधिकारी बनना:अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए स्वयं को जिम्मेदार महसूस करना।

गुरुवार, 16 नवंबर 2023

दुखी मन को कैसे संभाले?

                      दुखी मन को कैसे संभाले?






दुखी मन को संभालने के लिए कई तरीके हैं। यह समाधान ढूंढने में समय लगा सकता है, लेकिन यह आपको सहारा प्रदान कर सकते हैं:


1. अपने आत्म-समर्पण को बढ़ाएं: ध्यान, योग, और प्राणायाम के माध्यम से अपनी आत्मा के साथ संबंध स्थापित करें।


2. विचारशीलता: अपने विचारों को सकारात्मक बनाने के लिए प्रयास करें और नकारात्मकता से दूर रहें।


3. सामाजिक संबंधों का समर्थन: अपने दोस्तों और परिवार से बातचीत करें, उनसे सहायता मांगें और समर्थन प्राप्त करें।


4. स्वस्थ जीवनशैली: सही आहार, पर्याप्त नींद, और नियमित व्यायाम से अपनी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।


5. कल्याणमय गतिविधियां: ऐसी क्रियाएं जैसे कि किताबें पढ़ना, कला, संगीत, या कोई रुचिकर गतिविधि मनोबल बढ़ा सकती हैं।


अगर आपका दुःख गंभीर है या बना रहता है, तो विशेषज्ञ सलाह लेना महत्वपूर्ण हो सकता है।

साधना कैसे करें?

                             साधना कैसे करें?




साधना करने के लिए:


1. स्थिरता बनाएं: एक स्थिर स्थान चुनें और नियमित समय पर साधना करें.


2. आसन और श्वासप्रश्वास: योगासन और ध्यानासन में स्थिर बैठें, ध्यान केंद्रित करें और शांति से श्वासप्रश्वास का ध्यान रखें.


3. मन को शांत करें:अपने विचारों को ध्यान से गुजरने दें, मन को शांत करने के लिए मन्त्र जाप भी कर सकते हैं.


4. सकारात्मक भावना: सकारात्मक भावना को अपनाएं, धन्यवाद, कृतज्ञता, और शांति के भाव को बढ़ावा दें.


5. समर्पण:साधना को समर्पित रूप से करें, उसमें निष्ठा बनाएं और नियमित रूप से अभ्यास करें.


6. गुरु की मार्गदर्शन: अगर संभावना हो, एक आदर्श गुरु से मार्गदर्शन प्राप्त करें.


साधना में धीरज रखें और नियमित रूप से अभ्यास करने का प्रयास करें।

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