हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
जय श्री राधे आप सभी को,
अब मैं आप सबके लिए विनय पत्रिका का की शुरुआत कर रही हूं जो केवल हिंदी भावार्थ में ही प्रस्तुत करूंगी। गुरुदेव कहते हैं कि विनय पत्रिका का रोज अगर हम 11 पाठ करें तो ईश्वर प्रसन्न होते हैं और हमारी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।वैसे तो हमारा मानना यह है कि किसी भी मनोकामना को लेकर नहीं करना चाहिए। ईश्वर खुश हो उसके लिए हमें नित्य, जितना हो सके, उतना पाठ हमें करना चाहिए, क्योंकि ईश्वर को पता है कि हमारी कौन सी इच्छा हमारे लिए शुभ है और कौन सी अशुभ। तो जो हमारे लिए ठीक होगा, ईश्वर वह हमें बिना मांगे ही हमें दे देंगे क्योंकि वह हमारे माता पिता है और माता पिता अपने बच्चों का भला ही सोचते हैं। कभी अशुभ नहीं सोचते।तो उनसे मांगने की जरूरत तो होनी ही नहीं चाहिए। जो हमारे लिए ठीक होगा वह बिना मांगे ही हमें दे देंगे, तो आशा करती हूं आपको विनय पत्रिका का भावार्थ पसंद आएगा। शुरू में तुलसीदास जी ने सभी ईश्वर से प्रार्थना की है कि उन्हें राम जी की भक्ति मिले ,तो शुरू में स्तुतियाँ है जो कि तुलसीदास जी ने की है, गुरुदेव का कहना यह है कि तुलसीदास जी ने यह आपके लिए विनय पत्रिका की रचना की है और यह सब प्रार्थना कि राम जी की शरण में हमें जगह मिले,क्योंकि तुलसीदास जी को तो राम जी की कृपा प्राप्त ही है उन्होंने यह विनय पत्रिका हम जैसे जो काम, क्रोध, मद, लोभ में ग्रसित प्राणी हैं, उनके लिए लिखी है। ताकि ईश्वर हमें इन सब बुराइयों से बचा कर अपनी शरण में ले और हमें मुक्ति प्रदान करें, ताकि हमें इस जीवन में बार बार आना जाना और दुख झेलना ना पडे़।
जय श्री राधे