/ "ईश्वर के साथ हमारा संबंध: सरल ज्ञान और अनुभव: जुलाई 2016

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शनिवार, 30 जुलाई 2016

भगवत भक्ति

                                                                                                                                भगवद्भक्ति

                         परमार्थ के पत्र पुष्प )




भक्ति की महिमा  का वर्णन करते हुए श्री कृष्ण ने उद्धव से कहा -जो साधक भक्त हैं अभी सिद्ध नहीं हुए हैं,अपनी ईन्द्रियों को जीतकर अपने वश में नहीं कर सके हैं , उसे संसार के विषय , काम , क्रोध बाधा पहुँचातI हैं। वह साधक अपने आप को इन सबसे अलग करता हैं , क्षण क्षण नाम जप , संकीर्तन  अभ्यास करता हैं। भक्ति के प्रताप से वह भक्त इन विषयों के वश  में नहीं होता हैं , विषयों से कभी हारता नहीं हैं। भगवान  की भक्ति पाप राशि को जला डालती हैं। भगवत का आश्रय लेने पर पापों का होना संभव नहीं होता , फिर भी कदाचित कोई दोष बन जाता हैं तो उसे भगवान स्वयं ही नष्ट कर देते हैं भक्ति को त्याग कर अन्य यज्ञ , तप आदि उस प्रकार की सुख शांति भक्ति की प्राप्ति नहीं होती हैं जैसे कि  शुद्ध प्रेम से होती हैं।

                                 
                            भक्तिमय आचरण से जब तक शरीर पुलकित न हो , आंखों से आंसू की धारा न बहे , कंठ गदगद न हो, तब तक हृदय के शुद्ध होने की सम्भावना नहीं रहती हैं। हृदय में भगवत प्रेम प्राप्त करने की इच्छा बलवती रहनी चाहिए , धीरे धीरे भगवान की कृपा अति शीघ्र सुलभ हो जाएगी।
(सौजन्य -परमार्थ के पत्र पुष्प )
मलूकपीठ वृन्दावन. 

गुरुवार, 21 जुलाई 2016

प्रभु का नाम जपने से क्या लाभ होता है?

                                                                                                     राम -नाम का अखूट ख़जाना



राम -नाम कुछ खास लोगो के लिये  नहीं हैं , वह सबके लिए हैं। जो राम नाम लेता हैं , वह अपने लिए भारी ख़जाना जमा करतI जाता हैं और यह तो एक ऐसा खज़ाना हैं , जो कभी कम नहीं होता हैं। जितना इसमें से निकालो , उतना बढ़ता जाता हैं। इसका अंत नहीं हैं। जैसा कि उपनिषद कहता हैं -पूर्ण मे से पूर्ण निकालो , तो पूर्ण ही बाकी रह जाता हैं , वैसे ही  राम नाम हैं। यह त माम बिमारियों का एक मात्र इलाज हैं फिर चाहे वह बीमारी शारीरिक हो या मानसिक हो या आध्यात्मिक। राम नाम ईश्वर के कई नामों में से एक हैं। आप राम की जगह कृष्ण कहे या ईश्वर के अनगिनित नामों में से कोई और नाम ले लें, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लड़कपन में मुझे भूतो से डर लगता था तो मेरी आया ने मुझसे कहा था -'अगर तुम राम नाम लोगे तो तमाम भूत -प्रेत भाग जायेंगे। 'मैं बच्चा ही था लकिन आया पर मुझे पूरा विश्वास था। मेने उसकी सलाह पर पूरा पूरा अमल किया। इससे मेरा डर भाग गया। अगर एक बच्चे का यह अनुभव था तो बड़े आदमियों के बुद्धि और श्रद्धा के साथ राम नाम लेने से उन्हें कितना फायदा हो सकता हैं लकिन शर्त यह हैं कि राम नाम दिल से निकले। क्या बुरे विचार दिल में आते हैं ?क्या काम या लोभ आपको सताते हैं ? यदि ऐसा हैं तो इन्हें मिटाने के लिए राम नाम से अच्छा  कोई जादू नहीं। 
फर्ज कीजिये आपके मन में यह लालच आया की बिना मेहनत किये बईमानी से आप लाखो कमा सकते हैं लकिन आपके अंदर का राम आपको इसके नुकसान से अवगत कराएगा और आपको यह गलती करने नहीं देगा। जब आपका राम नाम का निरन्तर जप चलता रहेगा तो एक दिन वह आपके कण्ठ  से ह्रदय में उतर आएगा। और आपके अंदर उठने वाले अज्ञानता को मिटाता चला जायेगा। हर समस्या का हल अपने आप होता चला जायेगा। यहाँ मेने बार बार राम नाम का जिक्र इसलिए किया हैं क्योंकि मैं हर पल राम नाम का जाप करता हूँ आप वही जपिये जिसमे आपकी श्रद्धा हो। 

राम नाम का खजाना( महात्मा गांधी)

                                                                                           राम -नाम का अखूट ख़जाना (महात्मा गाँधी )



राम -नाम कुछ खास लोगो के लिये  नहीं हैं , वह सबके लिए हैं। जो राम नाम लेता हैं , वह अपने लिए भारी ख़जाना जमा करतI जाता हैं और यह तो एक ऐसा खज़ाना हैं , जो कभी कम नहीं होता हैं। जितना इसमें से निकालो , उतना बढ़ता जाता हैं। इसका अंत नहीं हैं। जैसा कि उपनिषद कहता हैं -पूर्ण मे से पूर्ण निकालो , तो पूर्ण ही बाकी रह जाता हैं , वैसे ही  राम नाम हैं। यह त माम बिमारियों का एक मात्र इलाज हैं फिर चाहे वह बीमारी शारीरिक हो या मानसिक हो या आध्यात्मिक। राम नाम ईश्वर के कई नामों में से एक हैं। आप राम की जगह कृष्ण कहे या ईश्वर के अनगिनित नामों में से कोई और नाम ले लें, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लड़कपन में मुझे भूतो से डर लगता था तो मेरी आया ने मुझसे कहा था -'अगर तुम राम नाम लोगे तो तमाम भूत -प्रेत भाग जायेंगे। 'मैं बच्चा ही था लकिन आया पर मुझे पूरा विश्वास था। मेने उसकी सलाह पर पूरा पूरा अमल किया। इससे मेरा डर भाग गया। अगर एक बच्चे का यह अनुभव था तो बड़े आदमियों के बुद्धि और श्रद्धा के साथ राम नाम लेने से उन्हें कितना फायदा हो सकता हैं लकिन शर्त यह हैं कि राम नाम दिल से निकले। क्या बुरे विचार दिल में आते हैं ?क्या काम या लोभ आपको सताते हैं ? यदि ऐसा हैं तो इन्हें मिटाने के लिए राम नाम से अच्छा  कोई जादू नहीं। 
फर्ज कीजिये आपके मन में यह लालच आया की बिना मेहनत किये बईमानी से आप लाखो कमा सकते हैं लकिन आपके अंदर का राम आपको इसके नुकसान से अवगत कराएगा और आपको यह गलती करने नहीं देगा। जब आपका राम नाम का निरन्तर जप चलता रहेगा तो एक दिन वह आपके कण्ठ  से ह्रदय में उतर आएगा। और आपके अंदर उठने वाले अज्ञानता को मिटाता चला जायेगा। हर समस्या का हल अपने आप होता चला जायेगा। यहाँ मेने बार बार राम नाम का जिक्र इसलिए किया हैं क्योंकि मैं हर पल राम नाम का जाप करता हूँ आप वही जपिये जिसमे आपकी श्रद्धा हो। 

मंगलवार, 12 जुलाई 2016

क्या आप जानना चाहते हैं कि भगवान का भजन करने से क्या होगा?

 

            भगवान का भजन करने से कल्याण होगा।


एक संत थे। वे एक सेठ के पास गए। सेठ ने आकर नमस्कार किया.संत ने भी किया। वह संत के पैरों में पड़ा तो संत ने भी ऐसे ही  किया , तो सेठ बोला कि , आप कैसे पैरों पड़ते हैं , आप त्यागी है , आपने अपने स्त्री , बच्चों धन , जमीन , जायदाद , मकान  आदि का त्याग कर दिया हैं। आप महान  हैं। तो संत ने कहा मुझसे बड़ा त्यागी तो तू हैं । मैने तो छोटी चीजों का त्याग किया हैं पर तुम तो संसार के भरोसे भगवान  का त्याग करके बैठे हो।  तो बड़ा त्यागी कौन हुआ मैं  कि  तुम। जो बड़ा त्याग करे वो ही तो बड़ा त्यागी हुआ। तो सज्जनो ऐसा मत करना , ऐसे त्यागी मत बनना। जरा सोचो एक पलक मारते  ही प्राण चले जाएँगे तो उस समय धन , सम्पत्ति , वैभव क्या काम आएगा ? अगर भगवान  का भजन किया हैं तो वह जरूर काम आएगा। धन कमाने में तो  हर कोई लखपति बन सकता हैं। पर जिसने राम नाम लाख बार जपने का विचार कर लिया असली धन तो वह कमा  रहा हैं। यहा आप को यह नहीं कहा जा रहा कि  आप धन दौलत न कमाए बल्कि धन कमाने के साथ साथ राम नाम या जिसमे आपकी आस्था हैं उसके नाम की दौलत भी कमाओ ,बाहर से दुनिया के लिए जिओ और अंदर सिर्फ और सिर्फ अपने प्रभु के लिए जिओ। जैसे ऑफिस में कोई पेपर work कर रहे हो तो सोचो यह मेरे प्रभु के लिये कर रहा हूँ जब compleat  हो जाये तो अपने राम जी को बोल दो कि लो प्रभु कर दिया आपका काम। ऐसे काम चाहे घर में हो या ऑफिस में सब प्रभु को समर्पित करते चलो ये सोच लो कि मेरा सारा कार्य मेरे प्रभु का, प्रभु के लिए हैं। तो आप महसूस करोगे कि धीरे धीरे आप अंदर से पूर्ण रूप से प्रभु को समर्पित हो।  फिर आपको अलग से मंदिर में बैठकर पूजा करने की जरुरत नहीं हैं। आपका कल्याण तो  संसार में रहकर कार्य करते करते ही हो जायेगा। पर अंदर ही अंदर भजन चलते रहना चाहिए जो भी आपको पसंद हो। 

सोमवार, 11 जुलाई 2016

जब आप अपना व्यवहार अच्छा रखोगे तो आप सबके बन के रह सकते हो

                                                                                                                   याद रखो


प्रेम , सहानुभूति , सम्मान , मधुर वचन , सहायता के लिए हर समय तैयार , त्याग और सच के व्यवहार से ही तुम किसी को अपना बना सकते हो। तुम्हारा ऐसा व्यवहार होगा तो लोग तुम्हारे लिए बड़ा से बड़ा त्याग करने को तैयार रहेंगें। तुम्हारी लोकप्रियता मौखिक नहीं होगी। लोगो के हृदय में बड़ा मधुर और प्रिय स्थान तुम्हारे लिए सुरक्षित हो जायेगा। तुम भी सुखी हो जाओगे और तुम्हारे सम्पर्क में जो आएगा , उनको भी सुख शांति मिलेगी।
इसलिए हमेशा सबके साथ मुस्कुराकर पेश आएं ,आपने अनुभव किया होगा कि आप जब किसी का हर समय मुस्कुराता चेहरा देखते हैं, तो आप को वह अच्छा लगने लगता है और आप हमेशा उसकी प्रशंसा करते हैं कि वह हमेशा मुस्कुराता रहता है। तो आप क्यों नहीं ? कोशिश कीजिए कि हर समय मुस्कुराते हुए हर परिस्थिति का सामना करें फिर कितनी भी कठिन परिस्थिति हो ,आप उसको बड़ी सुगमता के साथ सामना कर सकते हैं। बल्कि जब आप सबके साथ मुस्कुराते हुए बातचीत करेंगे और ना चाहते हुए भी अगर किसी समस्या में  घिर जाते हैं और आप किसी को पुकारते हैं तो हर ,आपके आसपास वाला व्यक्ति आपकी सहायता के लिए दौड़ते हुए आएगा। अनुभव करके जरूर देखें ।
।।जय श्री राधे।।




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