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गुरुवार, 7 मार्च 2019

उत्तम कुल कौन सा कहलाता है (विदुर नीति )

                 विदुर नीति के अंतर्गत उत्तम कुल का वर्णन



 धृतराष्ट्र ने कहा -विदुर! धर्म और अर्थ के नित्य ज्ञाता और बहुश्रत देवता भी उत्तम कुल में उत्पन्न पुरुषों की इच्छा करते हैं। इसलिए मैं तुमसे यह प्रश्न करता हूं कि उत्तम कुल कौन सा है?

विदुर जी बोले - जिनमें तप, इंद्रिय, संयम ,वेदों का स्वाध्याय ,यज्ञ ,पवित्र विवाह, सदा अन्नदान और सदाचार- यह 7 गुण होते हैं ।उन्हें उत्तम कुल कहते हैं । जिनका सदाचार शिथिल नहीं होता है, जो अपने दोषों से माता पिता को कभी कष्ट नहीं पहुंचाते। सदा प्रसन्न चित्त से धर्म का आचरण करते हैं तथा असत्य का परित्याग कर, अपने कुल की विशेष कीर्ति चाहते हैं ,उन्हीं का कुल उत्तम है । यज्ञ ना होने से,निन्दित कुल में विवाह करने से, वेद का त्याग करने से ,धर्म का उल्लंघन करने से ,उत्तम कुल भी अधम हो जाता है। देवताओं के धन का नाश ,ब्राह्मण के धन का अपहरण और ब्राह्मण की मर्यादा का उल्लंघन करने से, उत्तम कुल भी अधम हो जाता है।  गाय मनुष्य और धन से संपन्न हो कर भी जो कुल सदाचार से हीन है ,वह अच्छे कुलों की गणना में नहीं आ सकते। थोड़े धन वाले कुल भी यदि सदाचार से संपन्न है, तो वह अच्छे कुलों की गणना में आते हैं, और महान यश प्राप्त करते हैं। धन तो आता जाता रहता है सदाचार हमेशा बना रहना चाहिए।

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