- माह का महत्व और नियम – जानिए इस पवित्र महीने का रहस्य
- कार्तिक स्नान, दीपदान और व्रत का महत्व – पूर्ण जानकारी
- क्यों कहा गया है कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय महीना
- कार्तिक माह में क्या करें और क्या न करें – धार्मिक नियम व लाभ
- कार्तिक पूर्णिमा तक का विशेष पूजन विधि और कथा
✍️ ब्लॉग का परिचय (Introduction)
कार्तिक माह हिंदू पंचांग का आठवाँ महीना है, जो शरद ऋतु में आता है।
यह महीना भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की उपासना का समय है।
इस दौरान स्नान, दीपदान, दान और व्रत करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है।
कार्तिक माह को “धर्म, दान और दीप का महीना” भी कहा गया है।
🌸 कार्तिक माह का धार्मिक महत्व
- कार्तिक मास में भगवान विष्णु शयनावस्था से जागते हैं (देवउठनी एकादशी)।
- तुलसी विवाह इसी महीने में होता है।
- दीपदान से अंधकार दूर होता है और घर में सुख-शांति आती है।
- इस माह में स्नान, विशेषकर तीर्थ स्नान, अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।
🌼 कार्तिक माह में किए जाने वाले मुख्य कार्य
- प्रातःकाल स्नान (विशेषकर ब्रह्ममुहूर्त में)।
- दीपदान – घर, मंदिर, तुलसी के पास, नदी किनारे दीप जलाना।
- भगवान विष्णु, लक्ष्मी, शिव और तुलसी पूजन।
- दान – भोजन, वस्त्र, तिल, दीप, और अन्न का दान करना।
- व्रत और कथा श्रवण।
- तुलसीजी की 108 या 4 परिक्रमा करें।
- वैष्णव ग्रन्थ को पढ़े या सुने।
- अधिक से अधिक नाम जप करें।
- गो सेवा व संत सेवा करें।
- राधा कृपा कटाक्ष का पाठ करें।
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- अगर आपके पास सुखी हुई तुलसी जी है तो उनको गाय के घी में भिगो कर ठाकुर जी की आरती उतारें।
🚫 कार्तिक माह में क्या न करें
- प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन से परहेज करें।
- क्रोध, झूठ, चुगली और आलस्य न करें।
- किसी का अपमान या अहित न सोचें।
🌙 कार्तिक माह की प्रमुख तिथियाँ (2025 के अनुसार)
तिथि | पर्व / उत्सव |
---|---|
22 अक्टूबर | कार्तिक अमावस्या (दीपावली) |
23 अक्टूबर | गोवर्धन पूजा |
24 अक्टूबर | भैया दूज |
4 नवंबर | देवउठनी एकादशी |
6 नवंबर | तुलसी विवाह |
7 नवंबर | कार्तिक पूर्णिमा (गंगा स्नान और दीपदान का विशेष दिन) |
💫 कार्तिक स्नान का महत्व
स्कंद पुराण के अनुसार,
“कार्तिके स्नानदानं च यत्कृतं तेन सर्वं भवेत् फलम्।”
अर्थात — कार्तिक माह में स्नान और दान करने से सभी कर्मों का फल प्राप्त होता है।
🪔 निष्कर्ष
कार्तिक मास भक्ति, आत्मशुद्धि और दान का महीना है।
यदि इस महीने में नियमित रूप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का ध्यान करें, तो जीवन में शांति, समृद्धि और दिव्यता आती है।
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जय श्री राधे