भक्ति और जीवन पर आधारित संस्कृत श्लोक के अर्थ हिंदी में
🔸 1. भगवद गीता 2.47
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥
हिंदी अर्थ:
तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल पर कभी नहीं।
इसलिए तुम कर्मफल का कारण मत बनो और न ही कर्म न करने में आसक्त हो।
🔸 2. नीतिश्लोक (सुभाषित)
सत्यं वद, धर्मं चर, स्वाध्यायान्मा प्रमदः।
हिंदी अर्थ:
सत्य बोलो, धर्म का आचरण करो, और स्वाध्याय (अध्ययन) में कभी आलस्य मत करो।
🔸 3. शांति मंत्र
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्॥
हिंदी अर्थ:
सभी सुखी हों, सभी निरोग हों, सभी मंगल देखें और कोई भी दुःख का भागी न हो।
🔸 4. विद्या संबंधी श्लोक
विद्यां ददाति विनयं, विनयाद्याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति, धनात् धर्मं ततः सुखम्॥
हिंदी अर्थ:
विद्या से विनम्रता आती है, विनम्रता से योग्य बनते हैं,
योग्यता से धन मिलता है, और धन से धर्म तथा फिर सुख की प्राप्ति होती है।
बिलकुल! नीचे मैं आपको कुछ और प्रसिद्ध संस्कृत श्लोकों के सरल हिंदी अर्थ दे रही हूँ, जो जीवन, भक्ति, नीति और प्रेरणा से जुड़े हुए हैं।
🔹 5. मनुस्मृति (धर्म शास्त्र)
अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च।
हिंदी अर्थ:
अहिंसा (किसी को नुकसान न पहुँचाना) सबसे बड़ा धर्म है, लेकिन धर्म की रक्षा के लिए की गई हिंसा भी धर्म होती है।
🔹 6. श्रीमद्भगवद्गीता 4.7
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
हिंदी अर्थ:
हे भारत (अर्जुन)! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब मैं स्वयं की रचना करता हूँ (अवतार लेता हूँ)।
🔹 7. हितोपदेश (नीति श्लोक)
सत्संगत्वे निस्संगत्वं, निस्संगत्वे निर्मोहत्वम्।
निर्मोहत्वे निश्चलतत्त्वं, निश्चलतत्त्वे जीवन्मुक्तिः॥
हिंदी अर्थ:
सज्जनों की संगति से विरक्ति आती है, विरक्ति से मोह मिटता है, मोह मिटने से सत्य का ज्ञान होता है और सत्य का ज्ञान ही मुक्ति का मार्ग है।
🔹 8. श्रीरामचरितमानस (तुलसीदास)
परहित सरिस धर्म नहीं भाई,
पर पीड़ा सम नहीं अधमाई॥
हिंदी अर्थ:
दूसरों की भलाई से बड़ा कोई धर्म नहीं, और दूसरों को कष्ट देने से बढ़कर कोई अधर्म नहीं।
🔹 9. वेद वचन (ऋग्वेद)
एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति।
हिंदी अर्थ:
सत्य एक ही है, विद्वान उसे विभिन्न नामों और रूपों में बताते हैं।
🔹 10. संस्कृत सुभाषित
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्॥
हिंदी अर्थ:
यह मेरा है और वह पराया – ऐसा विचार छोटे मन वालों का होता है।
उदार हृदय वालों के लिए तो पूरा संसार ही एक परिवार है।
।।जय श्री राधे।।
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जय श्री राधे