मंत्र प्रयोग के द्वारा रोग व क्लेश को दूर करने के उपाय
(ब्रह्मलीन अन्नत श्री विभू षित गोवर्धन पी ठा धीश्वर जगदगुरु स्वामी श्री निरंजनदेव तीर्थ जी महाराज )
अच्युताय नमः ,अनन्त्ताय नमः ,गोविन्दाय नमः -
इस मंत्र का निरंतर जप करने से हर प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। जब तक रोग न मिटे ,श्रद्धा पूर्वक जप करते रहे। यह अनुभूत प्रयोग हैं।
वाराणस्यां दक्षिणे तु कुक्कुटो नाम वै द्विजः।
तस्य स्मरणमात्रेण दुःस्वप्नह सुखदो भवेत्।।
यदि किसी को बुरे स्वप्न आते हैं तो रात्रि में हाथ पैर धोकर शांत चित्त से पूर्वमुख आसन पर बैठकर प्रतिदिन इस मन्त्र का 108बार जप करे ,दुःस्वप्न बंद हो जायेंगे तथा उनके फल भी अच्छे होंगे।
या देवी सर्व भूतेषु शांति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जप करने से पारिवारिक कलह की निवृत्ति होगी।