🌺 नवरात्रि के नौ दिन,महत्व,रूप,भोग और नौ देवी
1️⃣ प्रथम दिन – माँ शैलपुत्री
- रूप: पर्वतराज हिमालय की पुत्री।
- वाहन: वृषभ (बैल)।
- महत्व: जीवन में स्थिरता और शांति देती हैं।
- पूजा विधि: गंगाजल से शुद्धिकरण करें, फूल और धूप अर्पित करें।
- भोग: घी।
2️⃣ द्वितीय दिन – माँ ब्रह्मचारिणी
- रूप: तपस्विनी, हाथ में जपमाला और कमंडल।
- महत्व: तप, संयम और इच्छाशक्ति देती हैं।
- पूजा विधि: दीपक जलाएं, मां को पुष्प और रोली अर्पित करें।
- भोग: शक्कर और फल।
3️⃣ तृतीय दिन – माँ चंद्रघंटा
- रूप: मस्तक पर अर्धचंद्र, सिंह पर सवार।
- महत्व: साहस और शत्रु नाश।
- पूजा विधि: घंटे की ध्वनि से पूजा करें, शंख बजाएं।
- भोग: दूध और मिठाई।
4️⃣ चतुर्थ दिन – माँ कूष्मांडा
- रूप: आठ भुजाओं वाली, सूर्य की ऊर्जा से ब्रह्मांड रचने वाली।
- महत्व: स्वास्थ्य और ऊर्जा देती हैं।
- पूजा विधि: दीपक, धूप और फल अर्पित करें।
- भोग: मालपुआ।
5️⃣ पंचम दिन – माँ स्कंदमाता
- रूप: भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता।
- महत्व: संतान सुख और परिवार की उन्नति।
- पूजा विधि: पुष्प और धूप अर्पित करें।
- भोग: केले।
6️⃣ षष्ठम दिन – माँ कात्यायनी
- रूप: सिंह पर सवार, चार भुजाओं वाली।
- महत्व: विवाह और रिश्तों में सुख-शांति।
- पूजा विधि: पीले वस्त्र पहनें, मां को पीले फूल अर्पित करें।
- भोग: शहद।
7️⃣ सप्तम दिन – माँ कालरात्रि
- रूप: काले वर्ण की, रौद्र रूप, शत्रु संहारिणी।
- महत्व: भय और बुरी शक्तियों से रक्षा।
- पूजा विधि: मां को गुड़ और सिंदूर अर्पित करें।
- भोग: गुड़।
8️⃣ अष्टम दिन – माँ महागौरी
- रूप: श्वेत वर्ण, बैल पर सवार।
- महत्व: पवित्रता, शांति और मोक्ष की प्राप्ति।
- पूजा विधि: चंदन और सफेद फूल अर्पित करें।
- भोग: नारियल और मिठाई।
9️⃣ नवम दिन – माँ सिद्धिदात्री
- रूप: सभी सिद्धियाँ प्रदान करने वाली।
- महत्व: ज्ञान, शक्ति और दिव्य सिद्धियाँ देती हैं।
- पूजा विधि: मां को धूप, दीप और लाल फूल अर्पित करें।भोग: तिल और नारियल।
🌸 विशेष अनुष्ठान
- अष्टमी/नवमी को कन्या पूजन करके 9 कन्याओं और 1 लांगुर (बालक) को भोजन कराया जाता है।