जह्नु बालिका(गंगा जी)
जब महाराज भगीरथ गंगा जी को अपने रथ के पीछे पीछे भुलोक में ला रहे थे, उस समय गंगा का प्रवाह जह्नु मुनि के आश्रम से होकर निकला, मुनि ध्यानावस्थितथे, प्रवाह को आते देख उन्होंने उसे उठाकर पी लिया। पीछे महाराज भगीरथ ने उनकी स्तुति कर उनको प्रसन्न किया। तब मुनि ने जगत के हितार्थ गंगा जी को अपने जंघे से निकाल दिया। तभी से गंगा जी का नाम जह्नु सुता या जाह्नवी पड़ा।
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जय श्री राधे