/ "ईश्वर के साथ हमारा संबंध: सरल ज्ञान और अनुभव: सूर्य स्तुति( विनय पत्रिका)

यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

सूर्य स्तुति( विनय पत्रिका)

 


हे दीनदयालु भगवान सूर्य! मुनि, मनुष्य, देवता और राक्षस सभी आपकी सेवा करते हैं। आप पाले और अंधकार रूपी हाथियों को मारने वाले वनराज सिंह है। किरणों की माला पहने रहते हैं। दोष, दुख, दुराचार और रोगों को भस्म कर डालते हैं। रात के बिछड़े हुए चकवा चकवीयों को मिलाकर प्रसन्न करने वाले, कमल को खिलाने वाले तथा समस्त लोकों को प्रकाशित करने वाले हैं। तेज,प्रताप, रूप और रस कि आप खानि है। आप दिव्य रथ पर चलते हैं, आपका सारथी (अरुण) लूला है। हे स्वामी! आप विष्णु, शिव और ब्रह्मा के ही रूप है। वेद पुराणों में आपकी कीर्ति जगमगा रही है। तुलसीदास आपसे श्री राम भक्ति का वर मांगता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अगर आपको मेरी post अच्छी लगें तो comment जरूर दीजिए
जय श्री राधे

Featured Post

भक्ति का क्या प्रभाव होता है?

                        भक्ति का क्या प्रभाव होता है? एक गृहस्थ कुमार भक्त थे। एक संत ने उन्हें नाम दिया वे भजन करने लगे, सीधे सरल चित् में ...