प्रातः स्मरण मंत्र अर्थ सहित
सुबह उठते ही पढ़े जाने वाले सुंदर संस्कृत श्लोक और उनके हिंदी अर्थ, जो आत्मशुद्धि और ऊर्जा प्रदान करते हैं। जानिए प्रातः स्मरण मंत्रों का महत्व।
प्रातः स्मरण मंत्र (Pratah Smaran Mantras) वे शुभ संस्कृत मंत्र हैं, जिन्हें सुबह उठते ही स्मरण किया जाता है। इनका पाठ मन को शुद्ध, शांत और ऊर्जावान बनाता है। ये मंत्र आत्मज्ञान, कृतज्ञता और भगवान के प्रति नम्रता का भाव जगाते हैं।
🌅 प्रातः स्मरण मंत्र (सुबह उठते समय पढ़े जाने वाले श्लोक)
🔸 1. कर दर्शन मंत्र (हाथ देखने का मंत्र)
कराग्रे वसते लक्ष्मीः, करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः, प्रभाते करदर्शनम्॥
हिंदी अर्थ:
हाथों के अग्रभाग में लक्ष्मी का वास है, मध्य में सरस्वती हैं और मूल (जड़) में श्री गोविन्द (विष्णु)।
इसलिए सुबह उठते ही अपने हाथों का दर्शन करें।
🔸 2. पृथ्वी वंदना (धरती पर पैर रखने से पहले क्षमा याचना)
समुद्रवसने देवि, पर्वतस्तनमण्डले।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं, पादस्पर्शं क्षमस्व मे॥
हिंदी अर्थ:
हे देवी पृथ्वी! जो समुद्र को वस्त्र रूप में धारण करती हैं और पर्वत जिनके स्तन जैसे हैं,
हे विष्णु-पत्नी! मैं आपको नमस्कार करता हूँ, कृपया मेरे पैरों के स्पर्श को क्षमा करें।
🔸 3. प्रातः काल ध्यान श्लोक
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी
भानुः शशीं भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्रः शनिराहुकेतवः
सर्वे ग्रहा शान्तिकरा भवन्तु॥
हिंदी अर्थ:
ब्रह्मा, विष्णु, शिव, सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु — ये सभी ग्रह हमारे लिए शांतिप्रद और कल्याणकारी हों।
🔸 4. आत्मस्मरण श्लोक (स्वयं को ब्रह्मस्वरूप मानते हुए)
प्रातः स्मरामि हृदि संस्फुरदात्मतत्त्वं
सच्चित्सुखं परमहंसगतिं तुरीयम्।
यत्स्वप्नजागरसुषुप्तमवैति नित्यं
तद्ब्रह्म निष्कलमहं न च भूतसङ्घः॥
हिंदी अर्थ:
प्रातः काल मैं उस आत्मतत्व का स्मरण करता हूँ जो सच्चिदानंद स्वरूप है,
जो स्वप्न, जाग्रत और सुषुप्ति तीनों अवस्थाओं को जानता है — वह ब्रह्म स्वरूप मैं हूँ, न कि शरीर।
✅ प्रातः स्मरण मंत्र के लाभ:
- मन, वाणी और शरीर की पवित्रता।
- दिनभर की सकारात्मक ऊर्जा।
- आत्म-चेतना और कृतज्ञता की भावना।
- आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत।