/ "ईश्वर के साथ हमारा संबंध: सरल ज्ञान और अनुभव: जीवन में सफलता के सुत्र (भाग 2)

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शनिवार, 23 मई 2015

जीवन में सफलता के सुत्र (भाग 2)

                                                       जीवन में सफलता के सूत्र 



7. आध्यात्मिक बनिए -

विलासिता भरा जीवन हमारे आध्यात्मिक मार्ग में बाधा उत्पन्न करता हैं ।इसलिए विलासिता से बचना चाहिए ।भौतिक पदार्थ कुछ समय के लिए होते हैं ,और यह हमे ज्यादा लम्बे समय तक सुख नहीं दे सकते ।किन्तु आध्यात्मिक उपलब्धियाँ स्थायी होती हैं ,जो हमेशा हमारे साथ रहती हैं ।तथा जीवन को आनन्द देती हैं ,सच्चा आनन्द ।

8.आत्मनियंत्रित करिये -

आत्मनियन्त्रण के द्वारा मनुष्य ऊंचाइयों के शिखर तक पहुँच सकता हैं ।प्रत्येक व्यक्ति में बहुत कुछ कर सकने की क्षमता होती हैं।उसकी उन्नति का सबसे बड़ा रहस्य हैं आत्मनियन्त्रण ।इसलिए जिस व्यक्ति ने आत्मनियन्त्रण कर लिया ,उसे अवश्य सफलता मिलती हैं ।जो व्यक्ति आत्मनियन्त्रण कर लेता हैं वही क्रोध पर नियंत्रण कर लेता हैं और क्रोध पर नियंत्रण मतलब हर क्षेत्र में तरक्की ।

9. आत्मनिरीक्षण करिये-

आत्मनिरीक्षण करके व आत्मसुधार करके अपनी छोटी -छोटी गलतियों को सुधारा जा सकता हैं ,और उन्हें दुबारा न करने का निर्णय ले लेना चाहिए ।आप हर सप्ताह अपनी प्रगति का मूल्यांकन करिये तथा मालूम करिये की आपने कब कौन सी गलती करी और भविष्य में उसे न करने का संकल्प ले लें ।

10 .आवश्यकता कम करिये -

दुसरो की देखा देखी अपनी इच्छाओं को बढ़ाकर आय से अधिक खर्च करना क्या उचित हैं ? हमे यह ध्यान रखना चाहिये जितनी हमारी आवश्यकता कम होंगी ,उतनी हमारी चिंता कम होगी और संतोष अधिक होगा ।

11. आदर्श मित्र चुनें -

मित्र क्या हैं ? वह एक ऐसा व्यक्ति हैं ,जिसके साथ आप स्वंय निडर हो जाते हैं ।उसके सामने आप अपने दिल की सभी बातें कर सकते हैं ।जीवन में सभी को मित्र की आवश्यकता होती हैं ।मित्र ऐसा होना चाहिए जो विश्वसनीय हो ,आदर्श हो ,आपके सुख दुःख की चिंता करने वाला हो ।आपका केवल सुख में ही साथ न दे अपितु दुःख में भी साथ खड़ा रहे ।

 

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जय श्री राधे

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