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शनिवार, 8 मार्च 2025

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल

                     श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल


स्थान: तिरुवनंतपुरम, केरल
समर्पित: भगवान विष्णु (श्री पद्मनाभस्वामी)
विशेषता: विश्व के सबसे धनी मंदिरों में से एक


मंदिर का इतिहास और महत्व

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के सबसे प्राचीन और रहस्यमयी मंदिरों में से एक है। यह मंदिर त्रावणकोर राजघराने द्वारा संरक्षित किया गया है और इसे दुनिया का सबसे अमीर हिंदू मंदिर माना जाता है।

  1. भगवान पद्मनाभस्वामी का स्वरूप

    • यहां भगवान विष्णु की विशाल प्रतिमा शेषनाग (अनंत) के ऊपर योगनिद्रा मुद्रा में विराजमान है।
    • यह मूर्ति 18 फुट लंबी है और इसे तीन द्वारों से देखा जाता है—सिर, मध्य भाग और पैर।
  2. अनंत पद्मनाभ संप्रदाय

    • इस मंदिर को 'अनंत पद्मनाभसंप्रदाय' से जोड़कर देखा जाता है, जिसे आदि शंकराचार्य से संबंध बताया जाता है।
    • त्रावणकोर के शासकों ने स्वयं को भगवान पद्मनाभस्वामी का "दास" घोषित कर दिया था और राज्य को उनका निवास स्थान माना था।

मंदिर की विशेषताएँ

1. रहस्यमयी गुप्त तहखाने (Vault B का रहस्य)

  • मंदिर में छह तहखाने (Vaults) हैं, जिनमें से पाँच खोले जा चुके हैं।
  • इनमें सोना, चांदी, बहुमूल्य रत्न और ऐतिहासिक धरोहरें मिली हैं।
  • छठे तहखाने (Vault B) को खोलने की कोशिश कई बार की गई, लेकिन इसे खोलना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इसके अंदर दिव्य शक्तियाँ विद्यमान हैं।

2. वास्तुकला और भव्यता

  • मंदिर का निर्माण द्रविड़ और केरल शैली की वास्तुकला में किया गया है।
  • इसमें भव्य गोपुरम (गेट टॉवर) है, जो 100 फीट ऊंचा है।
  • मंदिर के अंदर विशाल गलियारे और सुंदर नक्काशी हैं।

3. मंदिर के नियम और अनुशासन

  • केवल हिंदू भक्तों को ही प्रवेश की अनुमति है।
  • पुरुषों को धोती और महिलाओं को साड़ी या परंपरागत परिधान पहनना अनिवार्य है।
  • फोटोग्राफी और मोबाइल फोन ले जाना प्रतिबंधित है।

त्योहार और अनुष्ठान

  1. पंगुनी उत्सव: यह चैत्र महीने (मार्च-अप्रैल) में मनाया जाता है।
  2. अल्पासी उत्सव: अक्टूबर-नवंबर में मनाया जाने वाला बड़ा उत्सव।
  3. विष्णु सहस्रनाम पाठ: यहां नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ होता है।
  4. श्री पद्मनाभस्वामी रथ यात्रा: मंदिर की भव्य रथ यात्रा भी प्रसिद्ध है।
  5. कैसे पहुँचे?
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: तिरुवनंतपुरम सेंट्रल (लगभग 1 किमी दूर)
  • निकटतम हवाई अड्डा: तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (लगभग 5 किमी दूर)
  • सड़क मार्ग: केरल और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों से अच्छी बस सेवा उपलब्ध है।
  • निष्कर्ष:

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अपने रहस्यों, समृद्धि और भव्यता के कारण भी दुनिया भर के भक्तों को आकर्षित करता है। यदि आप अध्यात्म, इतिहास और रहस्य में रुचि रखते हैं, तो इस मंदिर की यात्रा अवश्य करें।

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जय श्री राधे

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