/ "ईश्वर के साथ हमारा संबंध: सरल ज्ञान और अनुभव: नवरात्र क्या है?

यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 2 अक्तूबर 2019

नवरात्र क्या है?

नवरात्र या नवरात्रि →
संस्कृत व्याकरण के अनुसार नवरात्रि कहना त्रुटिपूर्ण हैं। नौ रात्रियों का समाहार, समूह होने के कारण से द्वन्द समास होने के कारण यह शब्द पुलिंग रूप 'नवरात्र' में ही शुध्द है।

नवरात्र क्या है →

 पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा के काल में एक साल की चार संधियाँ हैं। उनमें मार्च व
सितंबर माह में पड़ने वाली गोल संधियों में
साल के दो मुख्य नवरात्र पड़ते हैं।

इस समय रोगाणु आक्रमण की सर्वाधिक संभावना होती है। ऋतु संधियों में अक्सर शारीरिक बीमारियाँ बढ़ती हैं,
अत: उस समय स्वस्थ रहने के लिए, शरीर को शुध्द रखने के लिए और तनमन को निर्मल
और पूर्णत: स्वस्थ रखने के लिए की
जाने वाली प्रक्रिया का नाम 'नवरात्र' है।

नौ दिन या रात →
अमावस्या की रात से अष्टमी तक या
पड़वा से नवमी की दोपहर तक व्रत नियम
चलने से नौ रात यानी 'नवरात्र' नाम सार्थक है।

 यहाँ रात गिनते हैं, इसलिए नवरात्र यानि नौ रातों का समूह कहा जाता है।
रूपक के द्वारा हमारे शरीर को नौ मुख्य
द्वारों वाला कहा गया है।
इसके भीतर निवास करने वाली जीवनी
शक्ति का नाम ही दुर्गा देवी है।

इन मुख्य इन्द्रियों के अनुशासन, स्वच्छ्ता, तारतम्य स्थापित करने के प्रतीक रूप में,
शरीर तंत्र को पूरे साल के लिए सुचारू
रूप से क्रियाशील रखने के लिए नौ द्वारों
की शुध्दि का पर्व नौ दिन मनाया जाता है।
 इनको व्यक्तिगत रूप से महत्व देने के लिए
 नौ दिन नौ दुर्गाओं के लिए कहे जाते हैं।

शरीर को सुचारू रखने के लिए विरेचन,
सफाई या शुध्दि प्रतिदिन तो हम करते ही हैं
 किन्तु अंग-प्रत्यंगों की पूरी तरह से भीतरी सफाई करने के लिए हर छ: माह के अंतर से सफाई अभियान चलाया जाता  l

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अगर आपको मेरी post अच्छी लगें तो comment जरूर दीजिए
जय श्री राधे

Featured Post

भक्ति का क्या प्रभाव होता है?

                        भक्ति का क्या प्रभाव होता है? एक गृहस्थ कुमार भक्त थे। एक संत ने उन्हें नाम दिया वे भजन करने लगे, सीधे सरल चित् में ...