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गुरुवार, 3 अक्तूबर 2019

प्रकृति के तीन कड़वें नियम



प्रकृति के तीन कड़वे नियम जो सत्य है

1-: प्रकृति  का पहला  नियम-
यदि खेत में  बीज न डालें जाएं  तो कुदरत  उसे *घास-फूस* से  भर देती हैं...!!
ठीक  उसी  तरह से  दिमाग  में *सकारात्मक* विचार  न भरे  जाएँ  तो *नकारात्मक*  विचार  अपनी  जगह  बना ही लेती है...!!

2-: प्रकृति  का दूसरा  नियम-
जिसके  पास  जो होता है...!!
  वह वही बांटता  है....!!*
सुखी *सुख* बांटता है...
दुःखी *दुःख* बांटता है..
ज्ञानी *ज्ञान* बांटता है..
भ्रमित *भ्रम* बांटता है..
भयभीत *भय* बांटता हैं......!!


 3-: प्रकृति  का तीसरा नियम-
आपको जीवन से जो कुछ भी मिलें उसे पचाना  सीखें क्योंकि भोजन* न पचने  पर रोग बढते है...!
पैसा न *पचने* पर दिखावा बढता है...!
बात  न *पचने* पर चुगली  बढती है...!
प्रशंसा  न *पचने* पर  अंहकार  बढता है....!
निंदा  न *पचने* पर  दुश्मनी  बढती है...!
राज न *पचने* पर  खतरा  बढता है...!
दुःख  न *पचने* पर  निराशा बढती है...!
और सुख न *पचने* पर  पाप बढता है...!
।।राधे राधे।।

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जय श्री राधे

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