सत्संग से क्या होता हैं
जब हमारे मे भक्ति का छोटा पोधा पनपने लगता है तो बकरी रुपी काम,लोभ ,मोह,गुस्साआदि भक्ति रुप पोध को खाने के लिए तैयार रहता है। हमे इसको बचाने के लिए अपने चारो और सतसंग का आवरण कर देना चाहिए ,ताकि कोई भी इसे नष्ट न कर सके। यदि एक बार यह बड़ा पेड़ बन गया ,फिर कितना आस पास का वातावरण खराब हो पर आपकी परिपक्व भक्ति को कोई हानि नहीं हो सकती , सतसंग के आवरण का अर्थ है- कथा , सतसंग ,मन न चिन्तन सब इश्वर के लिए हो। यह सतसंग आपको जिन्दगी मे कभी निराश नहीं होने देगा।आपके अनदर एक सकारात्मक सोच उत्पन्न करेगा जिसके कारण आप जिन्दगी मे ऊंचाई पर आगे बढते जाएँगे, वेैसे भी कहते है कि जिसको इश्वर का सहारा होता है वो सबको सहारा देने वाला बन जाता है।
जय श्री राधे।
जब हमारे मे भक्ति का छोटा पोधा पनपने लगता है तो बकरी रुपी काम,लोभ ,मोह,गुस्साआदि भक्ति रुप पोध को खाने के लिए तैयार रहता है। हमे इसको बचाने के लिए अपने चारो और सतसंग का आवरण कर देना चाहिए ,ताकि कोई भी इसे नष्ट न कर सके। यदि एक बार यह बड़ा पेड़ बन गया ,फिर कितना आस पास का वातावरण खराब हो पर आपकी परिपक्व भक्ति को कोई हानि नहीं हो सकती , सतसंग के आवरण का अर्थ है- कथा , सतसंग ,मन न चिन्तन सब इश्वर के लिए हो। यह सतसंग आपको जिन्दगी मे कभी निराश नहीं होने देगा।आपके अनदर एक सकारात्मक सोच उत्पन्न करेगा जिसके कारण आप जिन्दगी मे ऊंचाई पर आगे बढते जाएँगे, वेैसे भी कहते है कि जिसको इश्वर का सहारा होता है वो सबको सहारा देने वाला बन जाता है।
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