इस ब्लॉग में परमात्मा को विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक परंपराओं में एक अद्वितीय, अनन्त, और सर्वशक्तिमान शक्ति के रूप में समझा जाता है, जो सृष्टि का कारण है और सब कुछ में निवास करता है। जीवन इस परमात्मा की अद्वितीयता का अंश माना जाता है और इसका उद्देश्य आत्मा को परमात्मा के साथ मिलन है, जिसे 'मोक्ष' या 'निर्वाण' कहा जाता है। हमारे जीवन में ज्यादा से ज्यादा प्रभु भक्ति आ सके और हम सत्संग के द्वारा अपने प्रभु की कृपा को पा सके। हमारे जीवन में आ रही निराशा को दूर कर सकें।
यह ब्लॉग खोजें
बुधवार, 4 सितंबर 2013
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Featured Post
भक्ति का क्या प्रभाव होता है?
भक्ति का क्या प्रभाव होता है? एक गृहस्थ कुमार भक्त थे। एक संत ने उन्हें नाम दिया वे भजन करने लगे, सीधे सरल चित् में ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अगर आपको मेरी post अच्छी लगें तो comment जरूर दीजिए
जय श्री राधे