/ "ईश्वर के साथ हमारा संबंध: सरल ज्ञान और अनुभव: gopi chadan

यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 25 फ़रवरी 2015

gopi chadan





गोपी चंदन क्या है ?
गोपी तिलक क्यो लगाया जाता है ?
कौनसे भक्त गोपी तिलक करते है?
यु तो हम सभी ने देखा है कि सभी भक्त अपने माथे पर
अलग अलग प्रकार के तिलक करते है| कोई लाल तिलक
करता है तो कोई मिट्टी के रंग का तिलक करता है |और
उनका लगाने का प्रकार भी सभी परम्पराओं मे भिन्न भिन्न
प्रकार का होता है|
जो भक्त भगवान श्री कृृष्ण को मानते है और वैष्णव सनातन
धर्म पर चलते है | वे भक्त सदैव अपने मस्तक पर
गोपीचंदन के तिलक का उपयोग करते है|
गोपी तिलक क्यो किया जाता है ? एक तो अगर हम संसारिक
दृष्टिकोण से देखेगे तो ,उसे हम ऐसे देख सकते है, कि जिस
प्रकार हर देश का अपनी अपनी एक पहचान होती है, अर्थात
उनके झंडे के रुप में| जैसे हम अगर किसी क
झंडा दिखायेगे तो सामने वाला व्यक्ति समझ जायेगा कि हम
भारत से है| ऐसे ही जब कोई भक्त वैष्णव परम्परा ग्रहण
करता है तो गोपी तिलक करता है | या दुसरे उदारण से हम
इसे ऐसे समझ सकते है , कि जैसे हर एक स्कुल की अपनी एक
अलग युनिर्फाम होती है | जिसे हमे पता चलता है कि ये
बच्चा किस स्कुल का है| बस इसी प्रकार गोपीचंदन
का तिलक भी वैष्णव परम्परा की पहचान है|
ये तो हमने भौतिक दृष्टिकोण से जाना कि गोपीचंदन
का तिलक क्यो किया जाता है| अब इस बात को हम
आध्यतामिक दृष्टिकोण से जानते है एक भक्त जब भगवान
की शरण ग्रहण करता है और ठाकुर जी को अपने ह्दय कमल
में विराजमान करता है तो उस भक्त का ये शरीर एक मंदिर
के समान हो जाता है और वो गोपी चंदन से अपने इस मंदिर
को सजाता है | अर्थात श्रृगाँर करता है|
जय-जय श्री राध

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अगर आपको मेरी post अच्छी लगें तो comment जरूर दीजिए
जय श्री राधे

Featured Post

भक्ति का क्या प्रभाव होता है?

                        भक्ति का क्या प्रभाव होता है? एक गृहस्थ कुमार भक्त थे। एक संत ने उन्हें नाम दिया वे भजन करने लगे, सीधे सरल चित् में ...