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सोमवार, 4 मार्च 2019

शिव जी के १०८ नाम

                          शिवजी के 108 नाम
 देवों के द्वारा भगवान शिव के 108 नामों का जो स्मरण श्रवन और पठन करते हैं ,उन्हें तीनों ताप दैहिक, दैविक और भौतिक नहीं सताते ,तथा ना तो उन्हें कभी शौक, व्याधि और ग्रह पीड़ा ही होती है ।इसका पाठ करने वाले को श्री ,प्रज्ञा ,आरोग्य ,आयुष ,सोभाग्य, भाग्य ,उन्नति ,विद्या, धर्म मे मति और भगवान शिव में भक्ति प्राप्त होती है। इसमें संदेह नहीं है।

1. हे शंभू !आपकी जय हो। 2. हे विभो! 3. हे रूद्र!  4.हे शंभू ! 5. हे शंकर ! आपकी जय हो। 6. हे ईश्वर ! 7. हे ईशान! 8. हे सर्वज्ञ ! तथा 9. हे कामद! (कामनाओं को प्रदान करने वाले भगवान शिव) आपकी जय हो जय हो।
10. हे नीलकंठ!11. हे श्रीद (ऐश्वर्या प्रदान करने वाले) 12. हे श्रीकंठ! 13. हे धूर्जटे! 14. हे अष्टमूर्त! 15. हे अनंतमूर्ते ! 16. हे महामूरते! 17. हे अनघ! आपकी जय हो।
18. हे पापहारी! 19. अनङ्गनिसङ्ग ! 20. हे भङ्गनाशन! (बाधा और भय के नाशक)  21. हे त्रिदशाधार (देवताओ के आधार ) 22. त्रिलोकेश (तीनों लोकों के स्वामी) ! 23. हे त्रिलोचन ! आपकी जय हो।
24. हे त्रिपथाधार! (गंगा जी के आधार) 25. हे त्रिमार्ग (तीन उपासन पद्धतियों का अनुसरण करने वाले)!  26. हे त्रिभिरूर्जित ( तीनों गुणों से शक्ति सम्पन्न) ! 27. हे त्रिपुरारे ! 28. हे त्रिधामूर्ते! 29. हे एक त्रिजटात्मक (एक तथा तीन जटा धारी) ! आपकी जय हो।

 हे शशिशेखर (सिर पर चंद्रमा को धारण करने वाले!31.  हे  शूलेश! 32.  हे पशुपाल( प्राणियों के पालक)! 33.  हे शिवा प्रिय (पार्वती के प्रिय) ! 34. हे  शिवात्मक( शिवा के शरीर से अभिन्न )! 35. हे शिव ! 36. हे  श्रीद( ऐश्वर्या देने वाले)!37.  और हे सुह्रत् (स्नेहयुक्त हृदय वाले)! 38. हे श्रीशतनु (भगवान विष्णु के विग्रह)! आपकी जय हो।
 39. हे सर्व( सर्वस्वरूप)! 40. हे सर्वेशे( संपूर्ण विश्व के स्वामी )!41.हे भूतेष (संपूर्ण जीवो के अधिपति)!42.  है गिरीश! 43.  हे गिरीश्वर!  आपकी जय हो।44. हे उग्ररूप! 45.  हे भीमेश ! 46.  हे  भव ! 47. हे  भर्ग (तेज स्वरुप)! 48.  प्रभु आपकी जय हो। 48. हे दक्षध्वसकारक( दक्ष के यज्ञ को ध्वंस करने वाले)!49.  हे अंधकध्वंसकारक( अंधकासुर को मारने वाले)! 50.  हे रुण्डमालिन्( रुण्डमाला धारी) 51. कपाली (कपाल धारण करने वाले)! 52. हे भुजङ्गजिनभूषण( आभूषण के रूप में भुजंग तथा व्याघ्र चर्म धारण करने वाले)! 53.  हे  अजिनभूषण ! आपकी जय हो
54. हे दिगंबर! 55.  हे दिशा नाथ ! (दिशाओं के स्वामी) 56.  हे व्योमकेश! 57.  है चितापति (श्मशान वासी)! 58.  हे  आधार (सबके आश्रय ! 59. हे निराधार ! 60. हे भस्माधार !  61. हे  धराधर (शेषरूप में पृथ्वी को धारण करने वाले भगवान शिव )आपकी जय हो।62.  हे देवदेव ! 63. हे महादेव ! 64. हे देवतश ! 65. हे  आदिदेवत ! 66. हे वह्रिवीर्य ! 67. हे स्थाणो ! 68. है अयोनिजसंभव (अजन्मा ) ! आपकी जय हो ।69. हे भव ! 70. हे  शर्व ! 71.  हे महाकाल !72.  हे  भस्माङ्ग ( भस्म को शरीर में लगाने वाले)! 73.  हैं सर्पभूषण (सर्प को आभूषण के रूप में धारण करने वाले) ! 74.  हे  त्रयम्बक ! 75. हे स्थपते (शिल्पी)!  76. हे  वाचाम्पते !  77. हे जगताम्पते ( संसार के स्वामी) ! आपकी जय हो। 78.  हे शिपिविष्ट ( प्रकाश पुंज) ! 79.  हे विरुपाक्ष ! 80. हे  लिंङ्ग ! 81. हे वृषधव्ज !  82. नीललोहित ! 83.  हे  पिङ्गाक्ष !  84. हे  खटवाङ्गधारी ! की जय हो । 85. कृति वास ! 86. अहीरबुर्धन्य !87.  हे  मृडानीश ( पार्वती पति)! 89.  जटाम्बभृत्( जटा में जल धारण करने वाले)! 90. हे  जगद् भ्रांतः !  91. हे जगनमातः ९१. हे जगतात् ! ९२.  हे जगद् गरो  ! आपकी जय हो । ९३. हे पंचवक्त्र !९४.  हे महा वक्त्र ! ९५.   हे कालवक्त्र ! ९६.  गजास्यभृत ( गणेश के धारण पोषण करता) ! ९७.  है दशबाहो  !  ९८. हे महाबाहो ! ९९.  हे महावीर्य ! ९००.  हे महाबल ! १०१. हे  अघोरवक्त्र ! १०२. हे  घोरवक्त्र ! १०३. हे  सधोजात ! १०४. हे उमापते ! १०५. हे  सदानन्द !  १०६. हे  महानन्द ! १०७. हे  नन्दमूर्ते ! १०८. हे  ईश्वर ! जय हो ।

                           ओम नमः शिवाय

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जय श्री राधे

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