गुरु गीता से लाभ
जब हम गुरु गीता का पाठ करते हैं तो बस हम उसे पढ़ ही नहीं रहे होते बल्कि हम अपने अंतर में श्री गुरु की पूजा कर रहे होते हैं। गुरु गीता, गुरु की चैतन्य मंत्र- देह है। गुरु गीता के प्रत्येक अक्षर में श्री गुरु का वास है। हम गुरु पूजा ही कर रहे होते हैं।
स्वामी मुक्तानंद
Sadgurunath maharaj ki jay
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