रक्ताल्पता या खून की कमी (ANAEMIA ) -
हमारे खून में दो तरह की कोशिका होती हैं -लाल व सफ़ेद | लाल रक्त
कोशिका की कमी से शरीर में खून की कमी हो जाती है जिसे रक्ताल्पता
या अनीमिया कहा जाता है | लाल रक्त कोशिका के लिए लौहतत्व (iron)
आवश्यक है अतः हमारे हीमोग्लोबिन में लौह तत्व की कमी के कारण
भी रक्ताल्पता होती है |
रक्ताल्पता या खून की कमी होने से शरीर में कमज़ोरी उत्पन्न होना,काम
में मन नहीं लगना,भूख न लगना,चेहरे की चमक ख़त्म होना,शरीर थका-
थका लगना आदि इस रोग के मुख्य लक्षण हैं | स्त्रियों में खून की कमी के
कारण 'मासिक धर्म' समय से नहीं होता है | खून की कमी बच्चों में हो
जाने से बच्चे शारीरिक रूप से कमज़ोर हो जाते हैं जिसके कारण उनका
विकास नहीं हो पाता तथा दिमाग कमज़ोर होने के कारण याद्दाश्त पर
भी असर पढता है | इस वजह से बच्चे पढाई में पिछड़ने लगते हैं |
आइये जानते हैं रक्ताल्पता के कुछ उपचार -
१- खून की कमी को दूर करने के लिए,अनार के रस में थोड़ी सी काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर पीने से लाभ होता है |
२- मेथी,पालक और बथुआ आदि का प्रतिदिन सेवन करने से खून की कमी दूर हो जाती है | मेथी की सब्ज़ी खाने से भी बहुत लाभ होता है क्यूंकि मेथी में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है |
३- गिलोय का रस सेवन करने से खून की कमी दूर हो जाती है | आप यह अपने निकटवर्ती पतंजलि चिकित्सालय से प्राप्त कर सकते हैं |
४- रक्ताल्पता से पीड़ित रोगियों को २०० मिली गाजर के रस में १०० मिली पालक का रस मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है |
५- प्रतिदिन लगभग २००-२५० ग्राम पपीते के सेवन से खून की कमी दूर होती है | यह प्रयोग लगभग बीस दिन तक लगातार करना चाहिए |
६- दो टमाटर काट कर उस पर काली मिर्च और सेंधा नमक डालकर सेवन करना रक्ताल्पता में बहुत लाभकारी होता है |
७- उबले हुए काले चनों के प्रतिदिन सेवन से भी बहुत लाभ होता है |
८- गुड़ में भी लौह तत्व प्रचुर मात्रा में होता है अतः भोजन के बाद एक डली गुड़ अवश्य खाएं लाभ होगा |
हमारे खून में दो तरह की कोशिका होती हैं -लाल व सफ़ेद | लाल रक्त
कोशिका की कमी से शरीर में खून की कमी हो जाती है जिसे रक्ताल्पता
या अनीमिया कहा जाता है | लाल रक्त कोशिका के लिए लौहतत्व (iron)
आवश्यक है अतः हमारे हीमोग्लोबिन में लौह तत्व की कमी के कारण
भी रक्ताल्पता होती है |
रक्ताल्पता या खून की कमी होने से शरीर में कमज़ोरी उत्पन्न होना,काम
में मन नहीं लगना,भूख न लगना,चेहरे की चमक ख़त्म होना,शरीर थका-
थका लगना आदि इस रोग के मुख्य लक्षण हैं | स्त्रियों में खून की कमी के
कारण 'मासिक धर्म' समय से नहीं होता है | खून की कमी बच्चों में हो
जाने से बच्चे शारीरिक रूप से कमज़ोर हो जाते हैं जिसके कारण उनका
विकास नहीं हो पाता तथा दिमाग कमज़ोर होने के कारण याद्दाश्त पर
भी असर पढता है | इस वजह से बच्चे पढाई में पिछड़ने लगते हैं |
आइये जानते हैं रक्ताल्पता के कुछ उपचार -
१- खून की कमी को दूर करने के लिए,अनार के रस में थोड़ी सी काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर पीने से लाभ होता है |
२- मेथी,पालक और बथुआ आदि का प्रतिदिन सेवन करने से खून की कमी दूर हो जाती है | मेथी की सब्ज़ी खाने से भी बहुत लाभ होता है क्यूंकि मेथी में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है |
३- गिलोय का रस सेवन करने से खून की कमी दूर हो जाती है | आप यह अपने निकटवर्ती पतंजलि चिकित्सालय से प्राप्त कर सकते हैं |
४- रक्ताल्पता से पीड़ित रोगियों को २०० मिली गाजर के रस में १०० मिली पालक का रस मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है |
५- प्रतिदिन लगभग २००-२५० ग्राम पपीते के सेवन से खून की कमी दूर होती है | यह प्रयोग लगभग बीस दिन तक लगातार करना चाहिए |
६- दो टमाटर काट कर उस पर काली मिर्च और सेंधा नमक डालकर सेवन करना रक्ताल्पता में बहुत लाभकारी होता है |
७- उबले हुए काले चनों के प्रतिदिन सेवन से भी बहुत लाभ होता है |
८- गुड़ में भी लौह तत्व प्रचुर मात्रा में होता है अतः भोजन के बाद एक डली गुड़ अवश्य खाएं लाभ होगा |
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जय श्री राधे