श्री राधा जी के 32 प्रमुख नाम जिनका श्रवण करने से सभी दुख ~कष्ट दूर हो जाते हैं-
कर जोरी वंदन करूं मैं नित नित करू प्रणाम, रचना से गाती /गाता रहूँ -श्री राधा राधा नाम!!
जो भी श्रद्धा पूर्वक श्री राधा नाम का आश्रय लेता है वह श्रीकृष्ण का स्नेह पाता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में श्री विष्णु जी ने कहा है कि जो व्यक्ति अनजाने में ही श्री राधा नाम का उच्चारण कर लेता है उसके आगे मैं स्वयं सुदर्शन चक्र लेकर चलता हूं और उसके पीछे भगवान शिव त्रिशूल लेकर चलते हैं उसके दाएं ओर इंद्र वज्र लेकर चलते हैं और वरुण देव छत्र लेकर चलते हैं।
!!जय जय श्री राधे!!
- मृदुल भाषणी राधा राधा
- सौंदर्य राषिणी राधा राधा
- परम पुनीता राधा राधा
- नित्य नवनीता राधा राधा
- रास विलासिनी राधा राधा
- दिव्य सुवासिनी राधा राधा
- नवल किशोरी राधा राधा
- अति ही भोरी राधा राधा
- कंचन वर्णी राधा राधा
- नित्य सुख कर्णी राधा राधा
- सुभग भामिनी राधा राधा
- जगत स्वामिनी राधा राधा
- कृष्ण आनंदनी राधा राधा
- आनंद कन्दिनी राधा राधा
- प्रेम मूर्ति राधा राधा
- रस आपूर्ति राधा राधा
- नवल बृजेश्वरी राधा राधा
- नित्या रासेश्वरी राधा राधा
- कोमल अंगनी राधा राधा
- कृष्ण संगिनी राधा राधा
- कृपा वर्षिनी राधा राधा
- परम हर्षिनी राधा राधा
- सिंधु स्वरूपा राधा राधा
- परम अनूपा राधा राधा
- परम हितकारी राधा राधा
- कृष्ण सुख कारी राधा राधा
- निकुंज स्वामिनी राधा राधा
- नवल भामिनी राधा राधा
- रास रासेश्वरी राधा राधा
- स्वंय परमेश्वरी राधा राधा
- सकल गुणीता राधा राधा
- रसिकिनी पुनीता राधा राधा
कर जोरी वंदन करूं मैं नित नित करू प्रणाम, रचना से गाती /गाता रहूँ -श्री राधा राधा नाम!!
जो भी श्रद्धा पूर्वक श्री राधा नाम का आश्रय लेता है वह श्रीकृष्ण का स्नेह पाता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में श्री विष्णु जी ने कहा है कि जो व्यक्ति अनजाने में ही श्री राधा नाम का उच्चारण कर लेता है उसके आगे मैं स्वयं सुदर्शन चक्र लेकर चलता हूं और उसके पीछे भगवान शिव त्रिशूल लेकर चलते हैं उसके दाएं ओर इंद्र वज्र लेकर चलते हैं और वरुण देव छत्र लेकर चलते हैं।
!!जय जय श्री राधे!!
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जय श्री राधे