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गुरुवार, 19 सितंबर 2019

मां का एक मंदिर जहां अखंड ज्योति से टपकता है कि केसर

मां का एक मंदिर जहां अखंड ज्योति से टपकता है केसर


भारत में वैसे तो बहुत से मंदिर हैं लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसे हैं जो अपने चमत्कारों और रहस्यों की वजह से ख़ासा महत्वपूर्ण माने जाते हैं। धर्म के नाम पर होने वाले चमत्कारों को कई बार अंधविश्वास का नाम भी दिया जाता है, लेकिन विशेष रूप कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जो वास्तव में अपने चमत्कारों की वजह से वैज्ञानिक तथ्यों को भी झूठा साबित कर देते हैं। आज हम आपको मुख्य रूप से माता के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ चैबीसों घंटे अखंड ज्योत जलती है और उस ज्योत से केसर टपकता है। आइये जानते हैं कहाँ स्थित है ये चमत्कारी मंदिर और क्या है इसके पीछे का रहस्य।

आई जी माता के मंदिर में ज्योति से केसर टपकता है

आपको बता दें कि जहाँ आमतौर पर दीये से कालिक टपकती है वहीं राजस्थान के जोधपुर के निकट स्थित बिलाड़ा नाम के गांव में आई जी माता के मंदिर में अखंड ज्योत से केसर टपकता है। यहाँ आने वाले भक्तों का ऐसा मानना है इस ज्योत से निकलने वाले केसर को आँखों में डालने से आँख से संबंधित सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। आई जी माता मुख्य रूप से राजस्थान के सीरवी समाज की आराध्य देवी हैं। बता दें कि, राजस्थान के बिलाड़ा स्थित इस मंदिर को मुख्य रूप से देश का सबसे चमत्कारी मंदिर माना जाता है। इस मंदिर में जिस देवी की मूर्ति स्थापित है उन्हें देवी दुर्गा का ही रूप माना जाता है। इस मंदिर का नाम आई जी माता इसलिए पड़ा क्योंकि ऐसा माना जाता है कि एक बार देवी माँ स्वयं यहाँ आकर रुकी थी। यहाँ आकर देवी माँ ने अपने भक्तों को ज्ञान दिया था और उसके बाद वो हमेशा के लिए अखंड ज्योति में विलीन हो गयी थी। इसलिए इस मंदिर में आज भी अखंड ज्योत जलती आ रही है जिसकी ख़ासियत ये है कि इससे कालिक नहीं बल्कि केसर टपकता है।

इस मंदिर से जुड़े कुछ महत्वूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं

इस मंदिर के बार में ऐसा कहा जाता है कि, ये आज से करीबन पांच सौ वर्ष पुरानी मंदिर है।
यहाँ माता के अखंड ज्योत के दर्शन के लिए प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में भक्त आते हैं।
आई जी माता के इस मंदिर में रोजाना घी से देवी माँ के लिए अखंड ज्योत जलाई जाती है।
नवरात्रि के नौ दिनों में मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है। इस दौरान यहाँ दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या भी दोगुनी हो जाती है।
मंदिर का मुख्य परिसर विशेष रूप से ढाई हज़ार स्क्वायर फ़ीट में फैला है।
बेहद चमत्कारी इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।
मंदिर परिसर में आई जी माता को समर्पित एक छोटी झोपड़ी का भी निर्माण किया गया है, ऐसी मान्यता है कि देवी माँ यहाँ आकर विश्राम करती हैं। 

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जय श्री राधे

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