/ "ईश्वर के साथ हमारा संबंध: सरल ज्ञान और अनुभव: अनजाने में किया गया भगवतश्रवण भी कैसा फल देता है।

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सोमवार, 17 अगस्त 2020

अनजाने में किया गया भगवतश्रवण भी कैसा फल देता है।

       अनजाने में किया गया भगवत का नाम भी कैसा फल देता है।


दुष्ट मन से स्मरण किया गया भी भगवान का नाम, पापों का नाश करता है। जैसे अनजान में स्पर्श की गई अग्नि भी जला देती है ।अतः 'हरी' वह नाम है जो सभी के पाप तापों को हरते हैं। अपने श्रवण कीर्तन द्वारा भक्तों के मन को हरते हैं। अतः हरि यह नाम है जो किसी के मन को भी हरता है। अतः उसका नाम हरा है उसके संबोधन में हरे ऐसा रूप होता है। इसलिए 'हरे राम हरे राम' मंत्र प्रयुक्त हरे का अर्थ है हे राधे। 'कृष्' आकर्षण करने वाला 'ण' आनंद दायक है। सब को आकृष्ट करने वाले आनंद देने वाले का नाम कृष्ण है।
 'रा' का उच्चारण करने से पाप बाहर निकल जाते हैं फिर 'म' का उच्चारण करने पर कपाट बंद हो जाते हैं फिर मुख के बंद होने पर पाप प्रवेश नहीं कर पाते हैं। अतः हरे राम यह महामंत्र विधि अविधि जैसे भी जपा जाय कलयुग में विशेष फल प्रदान
करती है।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
(परमार्थ के पत्र पुष्प में दादागुरु श्री भक्तमाल जी महाराज के श्री मुख से)

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जय श्री राधे

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