🌺 दुर्गा नवमी (महानवमी) – महत्व, पूजा विधि और व्रत
✨ दुर्गा नवमी क्या है?
- दुर्गा नवमी, शारदीय नवरात्रि का नवां दिन है।
- इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है।
- मान्यता है कि इसी दिन महिषासुर का वध हुआ और देवी दुर्गा ने धर्म की पुनः स्थापना की।
🕉️ दुर्गा नवमी का महत्व
- इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
- मां सिद्धिदात्री की कृपा से विद्या, बुद्धि और आध्यात्मिक शक्तियों की प्राप्ति होती है।
- इस दिन कन्या पूजन (कन्या भोज) का विशेष महत्व है।
- नवमी का व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
🌼 दुर्गा नवमी पूजा विधि
- प्रातःकाल स्नान कर घर को स्वच्छ करें और पूजास्थल को सजाएँ।
- देवी मां की मूर्ति या चित्र स्थापित कर गंगाजल से शुद्धिकरण करें।
- लाल फूल, चुनरी, नारियल, फल और मिठाई अर्पित करें।
- दुर्गा सप्तशती या देवी के 108 नामों का पाठ करें।
- कन्या पूजन करें – 9 छोटी कन्याओं और 1 छोटे बालक (लंगूर) को आमंत्रित कर उन्हें भोजन कराएँ और उपहार दें।
- दीपक जलाकर आरती करें और प्रसाद बाँटें।
🌸 दुर्गा नवमी पर क्या करें?
- गरीबों और ज़रूरतमंदों को दान करें।
- कन्याओं को उपहार (कपड़े, चुनरी, कुमकुम, फल, खिलौने) दें।
- परिवार के साथ देवी माँ के भजन व स्तुति करें।
📖 निष्कर्ष
दुर्गा नवमी नवरात्रि का परम पवित्र दिन है। इस दिन माँ दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में शांति, समृद्धि और सिद्धि की प्राप्ति होती है।
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जय श्री राधे