श्री हनुमान चालीसा का संपूर्ण पाठ, महत्व और लाभ जानें। भय, रोग और संकट दूर करने तथा सुख-समृद्धि पाने के लिए हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।
🕉️ श्री हनुमान चालीसा – पाठ, अर्थ और लाभ
✨ परिचय
हनुमान चालीसा एक अमर काव्य है जिसे गोस्वामी तुलसीदास जी ने रचा। इसके पाठ से भय, रोग, संकट और नकारात्मकता दूर होती है। हनुमान जी को प्रसन्न करने का यह सबसे सरल और प्रभावी उपाय है।
🙏 श्री हनुमान चालीसा (पूरा पाठ)
🙏 श्री हनुमान चालीसा 🙏
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि ।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥
चालीसा
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज जनेऊ साजै ॥
शंकर सुवन केसरी नन्दन ।
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥
विद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥
भीम रूप धरि असुर संहारे ।
रामचन्द्र के काज सँवारे ॥
लाय सजीवन लखन जियाये ।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कवि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा ।
राम मिलाय राजपद दीन्हा ॥
तुम्हरो मन्त्र बिभीषन माना ।
लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥
जुग सहस्त्र योजन पर भानू ।
लिल्यो ताहि मधुर फल जानू ॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही ।
जलधि लांघि गये अचरज नाही ॥
दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥
राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रक्षक काहू को डरना ॥
आपन तेज सम्हारो आपै ।
तीनों लोक हाँक ते काँपै ॥
भूत पिशाच निकट नहिं आवै ।
महाबीर जब नाम सुनावै ॥
नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥
सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिनके काज सकल तुम साजा ॥
और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥
चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥
साधु सन्त के तुम रखवारे ।
असुर निकंदन राम दुलारे ॥
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥
राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ॥
तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥
अन्त काल रघुबर पुर जाई ।
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥
और देवता चित्त न धरई ।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥
संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥
जय जय जय हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥
जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥
🌸 हनुमान चालीसा का महत्व
- हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से जीवन में साहस, बल और भक्ति का संचार होता है।
- यह काव्य मन को शांत करता है और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।
- संकट के समय इसका पाठ करने से मार्ग सरल होता है।
🌺 हनुमान चालीसा पाठ के लाभ
- भय, रोग और संकट दूर होते हैं।
- मन, बुद्धि और आत्मबल की वृद्धि होती है।
- घर-परिवार में शांति और सुख-समृद्धि आती है।
- हनुमान जी की कृपा से कार्य सिद्ध होते हैं।
- नियमित पाठ से आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
🪔 हनुमान चालीसा का पाठ कब और कैसे करें?
- सुबह या शाम स्वच्छ होकर शांत मन से।
- दीपक और अगरबत्ती जलाकर हनुमान जी के सामने बैठें।
- कम से कम 11 बार या 108 बार पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।
- मंगलवार और शनिवार को पाठ का विशेष महत्व है।
📖 निष्कर्ष
हनुमान चालीसा का पाठ केवल धार्मिक आस्था ही नहीं बल्कि आत्मबल और सकारात्मकता का स्रोत है। इसे जीवन में अपनाकर हम न सिर्फ़ आध्यात्मिक शांति पा सकते हैं बल्कि सांसारिक समस्याओं से भी मुक्ति पा सकते हैं।
🌺 हनुमान चालीसा के लाभ
- भय, रोग और संकट दूर होते हैं।
- मन, बुद्धि और आत्मबल की वृद्धि होती है।
- घर-परिवार में शांति और सुख-समृद्धि आती है।
- हनुमान जी की कृपा से कार्य सिद्ध होते हैं।
- नियमित पाठ से आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
।।जय सियाराम ।।
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जय श्री राधे