परमात्मा को कैसे दैखे?
प्रश्न -
सब जगह परमात्मा हैं -हम सुन लेते हैं,कह देते हैं और देखने की चेष्टा करते हैं ,फिर भी परमात्मा दिखते नहीं। संसार दीखता हैं। हम क्या करें ,जिससे परमात्मा दिखने लग जाए ?
स्वामी जी -परमात्मा की प्राप्ति चाहते हो तो स्वार्थ बुद्धि और अभिमान का त्याग करके दूसरो की सेवा करो। इन दोनों के त्याग से ही वासुदेव : सर्वमं का अनुभव होने लगेगा। सबके प्रति सेवा भाव रखो तो भगवदबुद्धि हो जाएगी। जब भगवान दीखेंगे तो हम नम्र होंगे ,सबकी सेवा करेंगे ,तो अभी से सबकी सेवा करने लग जाओ ,तो भगवान दीख जाएँगे। आप अभिमान त्यागकर छोटे बनोगें तभी तो बड़े परमात्मा दिखेंगे।
संसार में जितना पतन हो रहा हैं ,वह स्वार्थ बुध्दि के कारण हो रहा हैं। केवल कहने -सुनने से सबमे भगवद बुद्धि नहीं होंगी ,प्रत्युत सब सुखीं हो जाए `ऐसा भाव होने से सबमें भगवदबुद्धि होंगी।
(स्वामी रामसुखदास जी के श्री मुख से)
(स्वामी रामसुखदास जी के श्री मुख से)