/ "ईश्वर के साथ हमारा संबंध: सरल ज्ञान और अनुभव: क्पा आप जानते है प्रभु के चरणों में कौन-कौन से चिन्ह है,और उनके दर्शन करने से क्या लाभ होता है?

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रविवार, 26 जुलाई 2020

क्पा आप जानते है प्रभु के चरणों में कौन-कौन से चिन्ह है,और उनके दर्शन करने से क्या लाभ होता है?

प्रभु के चरणों में जो चिन्ह है उनके दर्शन करने से क्या लाभ होता है और उनका अर्थ क्या है।




अब इसमें अलग-अलग चिन्हों का महत्व का वर्णन करते हैं।
राजराजेश्वर रामचंद्र जी ने अपने चरण सरोज में सुख सुविधा के चिन्ह धारण कर रखे हैं।अगर कोई अपने मन को काबू में नहीं कर पाता हो तो, उसको प्रभु के चरणों में धारण अंकुश का ध्यान करना चाहिए। याद करें,ध्यान करें तो   मनु रूपी मतवाला हाथी काबू में आ जाता है।जैसे महावत मतवाले हाथी को अंकुश के द्वारा बस में कर लेता है ऐसे ही भगवान के चरणों के चिह्न में अंकुश का ध्यान करने से हमारा मन मतवाला काबू में आ जाता है 
अंकुश के बाद अंबर।अंबर कहते हैं वस्त्र को, अंबर आकाश को भी कहते हैं। तो अगर अंबर का अर्थ अकाश लिया जाए, तो जैसे आकाश अनंत है ऐसे भगवान भी अनंत हैं और अगर अंबर का अर्थ यहां वस्त्र लिया गया है, तो जाड़े में वस्त्र की जरूरत होती है और उसमें भी गरम कपड़ा,तो सठता रूपी शीत अगर सता रहा हो तो इस वस्त्र के चिन्ह का ध्यान करने वाले का शोक दूर हो जाता है। इस चिन्ह का ध्यान करने से बड़ा ही सुख मिलता है। जैसे जाड़े में रजाई ओढ़ने पर सुख मिलता है। ऐसे ही भगवान के चरण चिन्ह में अंबर का ध्यान करने से सुख मिलता है, शोक दूर हो जाता है।
तीसरा है कुलिश। कुलिश माने वज्र,भगवान के चरणों में वज्र का चिन्ह है।पाप रूपी पर्वत को चूर चूर कर देने के लिए,भगवान के चरण में कुलिश माने वज्र का चिन्ह है।अगर आप यह चिन्ह याद करेंगे,तो आपके पूर्व के पाप चाहे कितने पहाड़ सरीकें रहे होंगे वह सब चूर चूर हो जाएंगे

भगवान के चरणों में कमल का चिन्ह बना हुआ है मन को उसमें लगा दीजिए।तो भक्ति रूपी शहद,मधुरता आपको खूब मिलेगी।
शेष कल- श्री सीताराम

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जय श्री राधे

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