एक मुखी रुद्राक्ष
श्री महादेव जी ,नारद जी से कहते हैं हे मुनिश्रेष्ठ जिस मनुष्य के घर में एक मुखी रुद्राक्ष रहता है ,उसके घर में भलीभांति स्थिर होकर लक्ष्मी जी निवास करती हैं । जो मनुष्य कंठ में अथवा भुजा में एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है ,उसके दुर्भाग्य का उदय नहीं होता और ना तो उसकी अकाल मृत्यु होती है। अत्यंत कठिनता से प्राप्त होने वाले भगवान शिव उस पर प्रसन्न हो जाते हैं। मनुष्य जो भी श्रेष्ठ धर्म तथा कर्म करता है ,वह महान फलदायक होता है ।(महा भागवत पुराण)
रुद्राक्ष का वृक्ष एक सदाबहार वनस्पति है, जिसकी ऊंचाई 50 से 60 फीट तक होती है। रुद्राक्ष के वृक्ष के पत्ते लंबे होते हैं। यह एक कठोर तने वाला वृक्ष होता है। रुद्राक्ष के वृक्ष का फूल सफेद रंग का होता है और इसमें लगने वाला फल शुरू में हरा, पकने पर नीला एवं सूखने पर काला हो जाता है। रुद्राक्ष इसी काले फल की गुठली होता है। इसमें दरार के सदृश दिखने वाली धारियां होती हैं, जिन्हें प्रचलित भाषा में 'रुद्राक्ष का मुख' कहा जाता है। ये धारियां 1 से लेकर 14 तक की संख्या में हो सकती हैं।
श्री महादेव जी ,नारद जी से कहते हैं हे मुनिश्रेष्ठ जिस मनुष्य के घर में एक मुखी रुद्राक्ष रहता है ,उसके घर में भलीभांति स्थिर होकर लक्ष्मी जी निवास करती हैं । जो मनुष्य कंठ में अथवा भुजा में एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है ,उसके दुर्भाग्य का उदय नहीं होता और ना तो उसकी अकाल मृत्यु होती है। अत्यंत कठिनता से प्राप्त होने वाले भगवान शिव उस पर प्रसन्न हो जाते हैं। मनुष्य जो भी श्रेष्ठ धर्म तथा कर्म करता है ,वह महान फलदायक होता है ।(महा भागवत पुराण)
रुद्राक्ष का वृक्ष एक सदाबहार वनस्पति है, जिसकी ऊंचाई 50 से 60 फीट तक होती है। रुद्राक्ष के वृक्ष के पत्ते लंबे होते हैं। यह एक कठोर तने वाला वृक्ष होता है। रुद्राक्ष के वृक्ष का फूल सफेद रंग का होता है और इसमें लगने वाला फल शुरू में हरा, पकने पर नीला एवं सूखने पर काला हो जाता है। रुद्राक्ष इसी काले फल की गुठली होता है। इसमें दरार के सदृश दिखने वाली धारियां होती हैं, जिन्हें प्रचलित भाषा में 'रुद्राक्ष का मुख' कहा जाता है। ये धारियां 1 से लेकर 14 तक की संख्या में हो सकती हैं।
आइए जानते हैं कि किस ग्रह की शांति के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण लाभदायक रहता है?
1. सूर्य- एकमुखी
2. चन्द्र- दोमुखी
3. मंगल- तीनमुखी
4. बुध- चारमुखी
5. गुरु- पांचमुखी
6. शुक्र- छहमुखी
7. शनि- सातमुखी
8. राहु- आठमुखी
9. केतु- नौमुखी
रुद्राक्ष धारण करने के लिए श्रावण मास सर्वाधिक उत्तम रहता है। आप श्रावण मास के सोमवार के दिन अपने लिए उपयुक्त रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। सर्वप्रथम भगवान भोलेनाथ की यथाशक्ति पूजा-अर्चना करें तत्पश्चात रुद्राक्ष को शिवलिंग पर अर्पण करें। इसके उपरांत रुद्राक्ष को धारण करें।