परमात्मा और जीवन"ईश्वर के साथ हमारा संबंध: सरल ज्ञान और अनुभव: शुभ विचार
इस ब्लॉग में परमात्मा को विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक परंपराओं में एक अद्वितीय, अनन्त, और सर्वशक्तिमान शक्ति के रूप में समझा जाता है, जो सृष्टि का कारण है और सब कुछ में निवास करता है। जीवन इस परमात्मा की अद्वितीयता का अंश माना जाता है और इसका उद्देश्य आत्मा को परमात्मा के साथ मिलन है, जिसे 'मोक्ष' या 'निर्वाण' कहा जाता है। हमारे जीवन में ज्यादा से ज्यादा प्रभु भक्ति आ सके और हम सत्संग के द्वारा अपने प्रभु की कृपा को पा सके। हमारे जीवन में आ रही निराशा को दूर कर सकें।
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गुरुवार, 22 अगस्त 2013
शुभ विचार
ॐ परमातम्ने नम:
यदि हमारा पैर फिसल जाए तो हम संभल सकते हैं ,परन्तु जुबान फिसल
जाए तो गहरा घाव कर देती हैं। इसलिए सावधान रहिये।
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अगर आपको मेरी post अच्छी लगें तो comment जरूर दीजिए जय श्री राधे
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