सीमा के भीतर असीम प्रकाश
आजकल मैं एक संत श्री रामसुखदास जी की पुस्तक सीमा के भीतर असीम प्रकाश पढ़ रहीं हूँ मुझे अच्छी लगी और मैं चाहती हूँ आप सब के साथ इन अनमोल वचनों को शेयर करूँ।
सबसे कीमती धन हैं समय। समय लगाने से धन मिलता हैं ,परन्तु धन लगाने से समय नहीं मिलता। अगर धन लगाने से समय मिलता तो धनी आदमी नहीं मरते ;क्योंकि पैसे देकर वे अपनी उम्र खरीद लेते। परन्तु ६० वर्षो में जो धन कमाया हैं ,उसके बदले ६० मिनट भी समय नहीं मिलता। ऐसे अमूल्य समय को भगवान के भजन में और संसार की सेवा में लगाना चाहिए, नहीं तो सब समय चला जाएगा और मिलेगा कुछ नहीं। जो भगवान के भजन में समय लगाते हैं ,वहीँ चतुर आदमी हैं। दूसरे का धन लेने में और दूसरे का मन खीचने में तो वेश्या भी चतुर होती हैं।
विचार करें ,आज दिन तक जितना समय चला गया ,उसमे हमने अध्यात्मिक उन्नति कितनी की हैं ?इसमें लोग कलयुग को दोष देते हैं ,पर वास्तव में कलयुग उनके लिए खराब हैं ,जो भजन नहीं करते। भजन करने वालो के लिए कलयुग बहुत लाभदायक हैं। ॐ
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जय श्री राधे